केंद्र -राज्य सम्बन्ध

केंद्र -राज्य सम्बन्ध

विधायी सम्बन्ध – अनुच्छेद 245 – 255

विधायी क्षेत्र 

संघ – देश का राज्य क्षेत्र  एवं नया अभिग्राहित क्षेत्र । देश के बहर देश के नागरिको पर लागू होता है (अपवाद) ।
राज्य – केवल राज्य का राज्य क्षेत्र ।

केंद्र /संघ सूची

इस सूची में 97 महत्वपूर्ण विषय को रखा गया है, और इन्ही विषयों पर संसद को कानून बनाने का अधिकार है । इन सूचीयों में प्रमुख विषय रक्षा, युद्ध , विदेशी मामले, बैंकिंग, मुद्रा निर्माण, रेल, हवाई, नागरिकता आदि है ।

राज्य सूची

इस सूची में 66 महत्वपूर्ण विषय को रखा गया है, और इनमें जेल, सड़के, न्यायालय, कृषि, पुलिस, कृषि, सिंचाई  आदि है ।

समवर्ती सूची

इस सूची के अनुसार दोनों ही शामिल है, लेकिन इस सूची में केंद्र अधिक प्रभावी है, किन्तु कुछ मामलो में प्रधानमंत्री की अनुमति हो तो राज्य प्रभावी माना जायेगा । इस सूची में 47 महत्वपूर्ण विषय को रखा गया है, और इनमें सामाजिक सुरक्षा , शिक्षा, जनसंख्या नियन्त्रण, फौजदारी विधि तथा प्रक्रिया, निवारक निरोध, कारखाने, श्रमिक संघ, विवाह और विवाह-विच्छेद,सामाजिक योजना और परिवार नियोजन, वन आदि है ।

केंद्र -राज्य सम्बन्ध

कार्यपालिका / प्रशासनिक सम्बन्ध – अनुच्छेद 256 – 263

केंद्र -राज्य सम्बन्ध – राज्य अपनी शक्ति का ऐसा प्रयोग करेंगे कि केंद्र का अतिक्रमण न हो अर्थात संसद द्वारा बनाये गए कानून का पालन हो , अनुच्छेद262 के तहत  केंद्र राज्यों को निर्देश दे सकता है ।
यदि राज्य केंद्र  का निर्देश मानने में विफल हुई तो राष्ट्रपति शासन लागू हो जायेगा । केंद्र व राज्य अपने कार्यपालिक कार्य को एक दुसरे को सौंप सकते है, केंद्र के मामलों में प्रधानमन्त्री की अनुमति और राज्य में राज्यपाल की अनुमति अनिवार्य होती है ।

वित्तीय सम्बन्ध – अनुच्छेद 264 – 311

केंद्र व् राज्य में करों का बंटवारा , वित्त आयोग – अनुच्छेद 280 ।

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