स्वामिनारायण मंदिर नीलकंठ धाम पोइचा

Swaminarayan Temple Neelkanth Dham Poicha
नीलकंठ धाम पोइचा स्वामी नारायण मंदिर धार्मिक और पर्यटन का स्थान है, यह नर्मदा नदी के तट पर स्थित है।

नीलकंठ धाम स्वामीनारायण मंदिर गुजरात में राजपीपला नर्मदा जिले के नर्मदा नदी के तट पर पोइचा गाँव में स्थित है जो भरूच से लगभग 75 की.मी. और बड़ौदा से 65 की.मी.है। 
यह स्वामीनारायण मंदिर, लगभग 105 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है ।  गुजरात में और भी मंदिर और तीर्थ स्थल है किन्तु स्वामीनारायण मंदिर सबसे अद्भुत तीर्थस्थल है एवं  गुजरात के लोगों को आकर्षित करता है।
सहजानंद विश्वविद्यालय, नीलकंठ धाम और आस-पास जाकर आप दिव्य अनुभव कर सकते हैं ।

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टाइगर रिजर्व कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान

टाइगर रिजर्व कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान
 
 
Kanha National Park  A Tiger Reserve Kanha Kisli – कान्हा राष्ट्रीय उद्यान – कान्हा राष्ट्रीय उद्यान सतपुड़ा पर्वत की मैकाल रेंज का हिस्सा है और एक टाइगर रिजर्व भी है। यह मध्य प्रदेश के मंडला / बालाघाट जिले का एक हिस्सा है।

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान मध्यप्रदेश के मंडला जिले में स्थित है। यह राष्ट्रिय उद्यान सतपुड़ा पर्वत के मैकाल श्रेणी का हिस्सा है। 940 वर्ग किलोमीटर में फैले, कान्हा नेशनल पार्क मध्य प्रदेश के सबसे बड़े पार्कों में से एक है जहाँ राजसी शाही बंगाल के बाघ अच्छी संख्या में पाए जाते हैं।
यह एशिया में सबसे अच्छा प्रबंधित पार्क और प्रोजेक्ट टाइगर का एक हिस्सा है। कान्हा नेशनल पार्क 940 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है। इसे राष्ट्रिय उद्यान का दर्जा सन 1955 में मिला था।
जंगल सफारी से आप जंगली जानवरों को करीब से देख सकते हैं और उनकी शानदार तस्वीरों को अपने कैमरे में कैद कर सकते हैं।
पार्क के अंदर केवल पंजीकृत वाहनों पर सफारी की अनुमति है। वाहनों को कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित रखा गया है। पार्क के भीतर सुरम्य पिकनिक और विश्राम स्थल आवंटित किए गए हैं।
कान्हा नेशनल पार्क निश्चित रूप से जंगली प्रजातियों के लिए एक स्वर्ग है जो उनके लिए प्राकृतिक आवास लाता है।कान्हा में प्रकृति प्रेमियों के लिए बाघ का दौरा पूरी तरह से एक अच्छा विकल्प है।

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अर्कू घाटी पिकनिक स्पॉट – Beauty of Nature Vizag

Arku Valley Picnic Spot - Beauty of Nature Vizag1
अर्कू घाटी पिकनिक स्पॉट – प्रकृति की सुंदरता विशाखापत्तनम – अराकू घाटी एक प्राकृतिक हिल स्टेशन है जहां जाने का सबसे अच्छा समय सितंबर से मई तक है। यह विशाखापत्तनम से लगभग 120 किलोमीटर और छत्तीसगढ़ के जगदलपुर से लगभग 185 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

अरकू वैली अपने आप में एक बहुत ही सुंदर और प्रकृति से परिपूर्ण है। कहा जाता है की इसे बसाने में यहाँ के जन जातियों का ही योग दान है। यहाँ मनमोहक वादियाँ , जल प्रपात, जन जातियों पर आधारित म्युसियम एवं प्रसिद्ध बोर्रा गुफा देखने लायक है।
यहाँ जाने के लिए हम विशाखापत्तनम से भी जा सकते है और छत्तीसगढ़ के वासी जगदलपुर होकर जा सकते है, दोनों ही तरफ से जाने पर प्रकृति का नजारा लिया जा सकता है। जब ट्रेन सुरंगों से होकर निकलती है और जो प्रकृति का नजारा दीखता है , उसे देख कर दिल खुश हो जाता है।

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कोणार्क सूर्य मंदिर – ओडिशा

Konark Sun Temple ( Surya Mandir) Odisa - कोणार्क सूर्य मन्दिर ओड़िसा 2
कोणार्क सूर्य मंदिर का निर्माण गंगा राजा नरसिंह देव (I) के शासनकाल के दौरान सूर्य (अर्का) की मूर्ति की स्थापना के लिए किया गया था। यह ओडिशा का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है।

कोणार्क सूर्य मन्दिर ओडिशा में तीर्थ स्थल पूरी से लगभग 40 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है। पेरिप्लस ( प्रथम सदी ) में उल्लेखित “कोइनापरा ” तत्कालीन समय में उड़ीसा के समुद्र तट पर स्थित महत्वपूर्ण बंदरगाह था। सूर्य मन्दिर जो की उड़ीसा ( वर्तमान में ओड़िसा ) की स्थापत्य कला की अनुपम कृति है, का निर्माण 1250 ई. में पूर्वी गंग राजा नरसिंह देव प्रथम ( 1238-1264  ई.) के राज्यकाल में सूर्य (अर्क ) प्रतिमा के स्थापना हेतु किया गया था।