दिल्ली सल्तनत – कुतुबुद्दीन ऐबक एवं इल्तुतमिश

कुतुबुद्दीन ऐबक (1206-10 )

कुतुबुद्दीन ऐबक गुलाम वंश के संस्थापक थे ( मोहम्मद गौरी के गुलाम )। इनका शासन काल 1206 ईस्वी से 1210 ईस्वी तक था और राजधानी लाहौर थी।
1210 में लाहौर में (पोलो) चागौन खेलते समय घोड़े से गिरने के कारण मृत्यु हो गई।

उपाधियाँ

ऐबक
लाखबख्श
हाकिम II
कुरान खां
चंद्रमुखी

निर्माण कार्य

कुव्वत – उल – इस्लाम मस्जिद  दिल्ली – जैन मंदिर को तोड़कर बनाया गया, इस्लामियों के द्वारा भारत में बनाया गया पहला भवन
ढाई – दिन – का – झोपड़ा – यह अजमेर में संस्कृत विद्यालय को तोड़कर बनाया गया
कुतुबमीनार – दिल्ली में निर्माण कार्य प्रारंभ करवाया, शेख ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की स्मृति में

दरबारी कवि

हसन निजामी – रचना “ताज – उल – नासिर”

दिल्ली सल्तनत – कुतुबुद्दीन ऐबक एवं इल्तुतमिश

 

इल्तुतमिश ( 1211-36 )

इल्तुतमिश दिल्ली सल्तनत का वास्तविक संस्थापक था यह कुतुबुद्दीन ऐबक का दामाद था । इल्तुतमिश और याल्दौज जो की मोहम्मद गौरी का गुलाम था के बीच तराइन का तीसरा युद्ध 1215-16 में हुआ और याल्दौस पराजित हुआ।
  • इसने 40 गुलाम सरदारों का एक संगठन बनाया जिसको तुर्कान – ऐ – चिहलगामी कहा जाता था।
  • इक्ता प्रणाली की शुरुआत।
  • न्याय कार्यों के लिए बड़े नगरों में अमीरों-दाद की नियुक्ति।
  • बग़दाद के खलीफा से दो बार अनुमति प्राप्त किया।
  • इसी के शासन काल में मंगोल आक्रमणकारी चंगेज खां भारत में पहली बार 1221 ईस्वी में आक्रमण किया।
  • भारत में पहला मकबरा का निर्माण इन्हीं के शासन काल में प्रारंभ होता है।
  • इल्तुतमिश का मकबरा दिल्ली में है।
  • दरबारी कवि मिन्हाज – उल – सिराज , रचना – तबकात – ऐ – नासिरी।
  • स्थापत्य निर्माण  – सुलतान गद्दी का मकबरा ( भारत का पहला मकबरा ), मोईनुद्दीन चिश्ती का मकबरा – अजमेर, कुतुबमीनार का निर्माण कार्य पूर्ण कराया।
  • चांदी का टंका (चाटी) ताम्बे का जीतल नामक सिक्का जारी किया।