मोहम्मद बिन तुगलक – तुगलक वंश

गयासुद्दीन तुगलक ने मोहम्मद बिन तुगलक उर्फ़ जौना खां को उलगु खां की उपाधि देकर अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था।

मोहम्मद बिन तुगलक 1325-51

मोहम्मद बिन तुगलक इतिहास में अपने 3 सनकी योजनाओं के लिए प्रसिद्द हुआ।
  • दोआब क्षेत्रों में कर वृद्धि । ( 1326-27 )
  • राजधानी परिवर्तन –  दिल्ली से देवगिरी को राजधानी बनाया देवगिरी का नाम बदलकर दौलताबाद रखा।
  • सांकेतिक मुद्रा का प्रचालन – मोहम्मद बिन तुगलक ने तांबे का सिक्का चलाया और उसका मूल्य चांदी के सिक्के (टंका) के बराबर कर दिया।

इनके शासन काल में 26 वर्ष में कुल 22 प्रमुख विद्रोह हुआ, इसी विद्रोह से दो साम्राज्यों का भी स्थापना हुई।
  • 1336 – विजय नगर साम्राज्य ( हरियर एवं बुक्का दो भाई थे )।
  • 1347 – बहमनी साम्राज्य ( हसन गंगू या अलाउद्दीन बहमन शाह )

मोहम्मद बिन तुगलक – तुगलक वंश

बिन तुगलक ने कृषि सुधार के लिए दीवान-ऐ-आमिर कोही की नियुक्ति की।
1351 में सिंध में हुए विद्रोह को दबाने के लिए गया और यहाँ धट्टा नामक स्थान पर इसकी मृत्यु हो गई ।
इसकी मृत्यु पर अलग अलग इतिहासकारों ने जो कहा —
 
  • बदायुनी का कथन – ” राजा को प्रजा से और प्रजा का राजा से मुक्ति मिली”।
  • एल्क्रीस्टन – “पागल सुल्तान” कहा गया ।
  • जियाउद्दीन बरनी – “विरोधी गुणों का सम्मिश्रण”
इसके समय में इब्रबतूता की  रचना – रेहला । अफ़्रीकी यात्री मोरक्कों से आया था ।

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