स्वामिनारायण मंदिर नीलकंठ धाम पोइचा

Swaminarayan Temple Neelkanth Dham Poicha
नीलकंठ धाम पोइचा स्वामी नारायण मंदिर धार्मिक और पर्यटन का स्थान है, यह नर्मदा नदी के तट पर स्थित है।

नीलकंठ धाम स्वामीनारायण मंदिर गुजरात में राजपीपला नर्मदा जिले के नर्मदा नदी के तट पर पोइचा गाँव में स्थित है जो भरूच से लगभग 75 की.मी. और बड़ौदा से 65 की.मी.है। 
यह स्वामीनारायण मंदिर, लगभग 105 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है ।  गुजरात में और भी मंदिर और तीर्थ स्थल है किन्तु स्वामीनारायण मंदिर सबसे अद्भुत तीर्थस्थल है एवं  गुजरात के लोगों को आकर्षित करता है।
सहजानंद विश्वविद्यालय, नीलकंठ धाम और आस-पास जाकर आप दिव्य अनुभव कर सकते हैं ।

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Gangrel Dam – गंगरेल बाँध – छत्तीसगढ़ का मिनी गोवा

गंगरेल बाँध - छत्तीसगढ़ का मिनी गोवा
छत्तीसगढ़ राज्य का सबसे चौड़ा बांध – गंगरेल बांध, जिसे मिनी गोवा के नाम से भी जाना जाता है। धमतरी की शान कहे जाने वाला यह बांध बिजली उत्पादन और पेयजल आपूर्ति का भंडार है।
Gangrel Dam – Mini Goa of Chhattisgarh – गंगरेल बाँध धमतरी:  छत्तीसगढ़ राज्य के धमतरी जिले में स्थित है, यह बांध महानदी पर बनाया गया है और इसे रविशंकर बाँध के नाम से भी जाना जाता है। 
 
इस स्थान को छत्तीसगढ़ का गोवा या मिनी गोवा भी कहा जाता है। यह पिकनिक के दृष्टिकोण से बहुत ही मनमोहक स्थान है। 
यह बाँध धमतरी से लगभग 11 -12 की.मी. की दुरी में स्थित है, यह स्थान धमतरी शहर से गाँव की ओर है इसलिए यहाँ से आगे केवल गाँव ही मिलेंगे ना की कोई राष्ट्रिय राजमार्ग। 
 
इस बाँध को सबसे लम्बा ( चौड़ा ) बांध माना जाता है क्यूंकि महानदी की चौड़ाई छत्तीसगढ़ की नदियों में सबसे अधिक है।
 

टाइगर रिजर्व कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान

टाइगर रिजर्व कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान
 
 
Kanha National Park  A Tiger Reserve Kanha Kisli – कान्हा राष्ट्रीय उद्यान – कान्हा राष्ट्रीय उद्यान सतपुड़ा पर्वत की मैकाल रेंज का हिस्सा है और एक टाइगर रिजर्व भी है। यह मध्य प्रदेश के मंडला / बालाघाट जिले का एक हिस्सा है।

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान मध्यप्रदेश के मंडला जिले में स्थित है। यह राष्ट्रिय उद्यान सतपुड़ा पर्वत के मैकाल श्रेणी का हिस्सा है। 940 वर्ग किलोमीटर में फैले, कान्हा नेशनल पार्क मध्य प्रदेश के सबसे बड़े पार्कों में से एक है जहाँ राजसी शाही बंगाल के बाघ अच्छी संख्या में पाए जाते हैं।
यह एशिया में सबसे अच्छा प्रबंधित पार्क और प्रोजेक्ट टाइगर का एक हिस्सा है। कान्हा नेशनल पार्क 940 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है। इसे राष्ट्रिय उद्यान का दर्जा सन 1955 में मिला था।
जंगल सफारी से आप जंगली जानवरों को करीब से देख सकते हैं और उनकी शानदार तस्वीरों को अपने कैमरे में कैद कर सकते हैं।
पार्क के अंदर केवल पंजीकृत वाहनों पर सफारी की अनुमति है। वाहनों को कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित रखा गया है। पार्क के भीतर सुरम्य पिकनिक और विश्राम स्थल आवंटित किए गए हैं।
कान्हा नेशनल पार्क निश्चित रूप से जंगली प्रजातियों के लिए एक स्वर्ग है जो उनके लिए प्राकृतिक आवास लाता है।कान्हा में प्रकृति प्रेमियों के लिए बाघ का दौरा पूरी तरह से एक अच्छा विकल्प है।

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महामाया मंदिर प्राचीन गाथा – रतनपुर

महामाया मंदिर प्राचीन गाथा - रतनपुर
Ancient Story of Mahamaya Temple Ratanpur – महामाया मन्दिर रतनपुर – प्राचीन कथा के अनुसार छत्तीसगढ़ का महामाया मंदिर एक अलौकिक गाथा है। इस मंदिर को कालातीत साम्राज्य की कुलदेवी के रूप में जाना जाता था।

यह बिलासपुर – कोरबा मुख्यमार्ग पर 25 कि.मी. पर स्थित आदिशक्ति महामया देवि कि पवित्र पौराणिक नगरी रतनपुर का प्राचीन एवं गौरवशाली इतिहास है। यह 52 शक्तिपीठों में से एक है। मंदिर का निर्माण 11 वीं और 12 वीं शताब्दी के बीच हुआ था।इसका निर्माण राजा रत्नदेव प्रथम द्वारा ग्यारहवी शताबदी में कराया गया था ।
 

मदकू द्वीप बिलासपुर एक प्राचीन मंदिर

मदकू द्वीप बिलासपुर एक प्राचीन मंदिर
 
Madku Dweep Bilaspur An Ancient Temple- मदकू द्वीप बिलासपुर – मदकू द्वीप एक छोटा और सुंदर द्वीप है, एक प्राचीन मंदिर है, यह छत्तीसगढ़ के शीर्ष पर्यटक आकर्षणों में से एक है।
मदकू द्वीप इस  क्षेत्र का गौरव है, यह पर्यटन स्थल शिवनाथ नदी के किनारे में स्थित है। इसके नाम से ही ज्ञात होता है की इस स्थान को शिवनाथ नदी दोनों ओर से घेरी हुयी है, या यूँ कहिये की शिवनाथ नदी के रास्ते यह पठार है जिसके दोनों तरफ नदी है।यह स्थान प्राचीन  मंदिरों एवं पुरातात्विक दृष्टिकोण से  बहुत प्रसिद्ध है।
 

 
Madku Dweep Bilaspur An Ancient Temple- मदकू द्वीप बिलासपुर  को संत मदकू(ऋषि मंडकु) के नाम पर रखा गया है। यहाँ खुदाई के दौरान जो भी सामग्री मिली उसके अनुसार कुछ मंदिरों का निर्माण किया गया है एवं कुछ तो अपने ही अवस्था में है।
यह स्थान पिकनिक मनाने के लिए बहुत ही अच्छी जगह है, यहाँ आपको छोटे छोटे दुकानों से रेडीमेड फ़ूड प्राप्त हो सकतें है।

बांगो/मिनिमाता/हसदेव परियोजना बांध कोरबा

बांगो मिनिमाता हसदेव परियोजना बांध कोरबा

बांगो बांध कोरबा  – बांगो, मिनिमाता, हसदेव बांध उसी बांध का नाम है और यह बांध छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी और पहली जल परियोजना है, जो पर्यटन नगरी कोरबा में स्थित है।