आर्यों का आगमन – वैदिक संस्कृति

सिन्धु सभ्यता के पतन के बाद जो नविन संस्कृति प्रकाश में आई उसके बारे में जानकारी वेदों से प्राप्त होती है । अतः इस काल को वैदिक काल कहा गया । वैदिक काल के निर्माता आर्य थे, आर्य शब्द का अर्थ है श्रेष्ठ, यह एक भाषाई विचार है ना कि जातिसूचक ।

आर्यों का मुलनिवास स्थान

वैदिक संस्कृति के प्रणेता आर्य कौन थे और वे कहाँ से आये थे यह एक विवाद का विषय है । इस पर आम सहमति है की आर्य भारत के मूल निवासी नहीं थे, और भारत में आर्यों का आगमन दुसरे क्षेत्र से हुआ था । किन्तु उनका आगमन कहाँ से हुआ यह एक विवाद का विषय है ।

विभिन्न मत

यूरोप का सिद्धांत

प्रतिपादक : विलियम्स जोम्स
आधार – संस्कृत व यूरोपीय भाषा में समानता । संस्कृत में पिता को पितृ कहा जाता है और लैटिन में पेटर (Petter) कहा जाता है । इसी से Father बना है, जो की अंग्रेजी में कहा जाता है और एक दुसरे से मिलता जुलता है ।

उत्तरी ध्रुव का सिद्धांत

प्रतिपादक : बाल गंगाधर तिलक
 
पुस्तक – दी आर्कटिक होम ऑफ आर्यन्स (वेदांश)
आधार – ऋग्वेद में 6 महीने दिन व 6 महीने रात्रि का वर्णन है इसके अलावा हिमपात का भी उल्लेख है, जो की केवल ध्रुवों पर ही संभव है ।

आर्यों का आगमन – वैदिक संस्कृति

आर्यों का आगमन - वैदिक संस्कृति

तिब्बत का सिद्धांत

प्रतिपादक : स्वामी दयानंद सरस्वती ( आर्य समाज के संस्थापक)
 
पुस्तक – सत्यार्थ प्रकाश
आधार – शारीर रचना व वनस्पति के आधार पर।

मध्य एशिया का सिद्धांत

प्रतिपादक : मैक्स मुलर
 
आधार – ऋग्वेद तथा जेंदावेस्ता (ईरानी ग्रन्थ) में समानता ।

कुछ अन्य सिद्धांत

  1. सप्तसैंधव सिद्धांत – अविनाश चन्द्र दास 
  2. ब्रह्मर्षि देश – गंगाराम झा 
  3. जर्मनी – पेंका
  4. हंगरी – गाइल्स
  5. दक्षिणी रूस – नेहरि
 

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