झाँसी की रानी, तात्या टोपे, नाना साहिब, बहादुर शाह जफ़र

झाँसी की रानी, तात्या टोपे, नाना साहिब, बहादुर शाह जफ़र
 
 
झाँसी की रानी, तात्या टोपे, नाना साहिब, बहादुर शाह जफ़र-1857 Revolution: इसके पहले हमने 1857 की क्रांति Part 1 में पढ़ा की  कैसे शुरू हुई और क्या कारण थे । आज हम पढेंगे की 1857 क्रांति के प्रमुख व्यक्ति, उसका नेतृत्व और विद्रोह का दमन कर्ता  ।

1857 की क्रांति के समय 

  • निर्धारित तारीख               – 31 May 1857
  • प्रतीक                           – कमल फूल एवं चपाती
  • भारत का गवर्नर जनरल    – लार्ड केनिंग
  • मुगल सम्राट                    – बहादुर शाह जफर II
  • ब्रिटेन प्रधानमन्त्री             – लार्ड पाम्सर्तन
  • ब्रिटेन महारानी           – महारानी विक्टोरिया
  • कमांडिंग अधिकारी         – हैस्से
  • सैन्य छावनी के अधिकारी – जनरल डेविड

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सामवेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद संहिता के प्रमुख तथ्य

सामवेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद संहिता के प्रमुख तथ्य

Samveda Yajurveda Atharveda  Sahinta Major Facts : चार वेदों में सामवेद  यजुर्हैवेद और अथर्वेद भी है  जिसका विवरण हम आज पढेंगे । इसके पहले हमने ऋग्वेद  के बारे में पढ़ा जिसमें हमने ऋग्वेद मंडलों के बारे में जानकारी प्राप्त की ।

सामवेद: SAMVEDA
  • साम का अर्थ गायन है ,साम में संकलित मंत्र को देवताओं की स्तुति के समय गाया जाता है ।
  • सामवेद में कुल मंत्रों की संख्यां 1875 : 1549 जिसमें से केवल 75 मंत्र सामवेद के है बाकी सभी मंत्रों को ऋग्वेद से लिया गया है ।
  • सामवेद को ऋग्वेद का अभिन्न अंग माना गया है ।
  • सामवेद को भारतीय संगीत का मुल वेद माना जाता है ।
  • सात सुर ” सा , रे, गा, मा, पा, धा, नी, ” का उल्लेख सामवेद में ही मिलता है ।
  • सामवेद के मंत्रों को उच्चारित करने वाले ऋषि को ” उदगाता ” कहा जाता था ।
  • चारों वेदों में  सामवेद का ऐतिहासिक महत्व सबसे कम है ।
सामवेद की 3 शाखाएं है :
  1. कौथुम 
  2. जैगिनीय 
  3. राणायानिय

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ऋग्वेद सहिंता मंडल के प्रमुख तथ्य

ऋग्वेद सहिंता मंडल के प्रमुख तथ्य
 
Rigveda Major Facts Sahinta Mandal   :  इसके पहले भाग में हमने इतिहास के अंग एवं भारत के नामकरण इत्यादि के बारे में पढ़ा था । आज के इस भाग में इतिहास को जानने के स्रोत एवं वेद ग्रंथो के बारे में जानेंगे ।

इतिहास को जानने के 2 स्रोत है 
2. पुरातात्विक स्रोत
साहित्यिक स्रोत  : साहित्यिक स्रोत को 3 भागों में वर्णित किया गया है

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1857 की क्रांति CGPSC Online Classes

झाँसी की रानी, तात्या टोपे, नाना साहिब, बहादुर शाह जफ़र
 
 
1857 की क्रांति CGPSC Online Classes: हमारे इतिहास में 1857 की क्रांति की कई कहानियां हैं, जिनमें कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं भी शामिल हैं जिन्हें हम अपनी पढ़ाई और दिनचर्या में लगातार सुनते और पढ़ते हैं। हम आपके लिए यह महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आए हैं जो सीजीपीएससी और एक अन्य प्रतियोगी परीक्षा के लिए उपयोगी साबित हो सकती है। तो चलिए शुरू करते हैं आज की क्लास।

1857 की क्रांति 

 
  • 1856 ई. में लार्ड केनिंग गवर्नर जनरल बनकर भारत आया , उसके आगमन तक सम्पूर्ण भारत का प्रशासनिक एवं राजनैतिक एकीकरण हो गया था ।  परन्तु अंग्रेजी राज के उत्पीडन एवं शोषण के कारण जानता में व्यापक असंतोष था । 
  • यही असंतोष 1857 की क्रांति के रूप में प्रस्फुटित हुआ जिसने ब्रिटिश शाशन की जड़े हिला दी थी, यद्यपि इसकी शुरुआत सेना के भारतीय सिपाहियों की गई किन्तु शीघ्र ही इसकी परिधि में समाज के अन्य लोग भी शामिल हो गए । 
  • यह विद्रोह सर्कार के नीतियों के विरुद्ध जानता के मन में संचित असंतोष एवं विदेशी सत्ता के प्रति घृणा का परिणाम था । 
  • सामाजिक, आर्थिक, राजनितिक, सैनिक एवं धार्मिक आदि क्षेत्रों में अंग्रेजों के नीतियों ने जो अस्त व्यस्तता व असंतोष की भावना उत्पन्न की उसी की अभिव्यक्ति सेना, सामंत व जानता के माध्यम से 1857 की क्रांति के रूप में प्रस्फुटित हुई थी । 

भारतीय इतिहास का विभाजन

भारतीय इतिहास का विभाजन

इतिहास शब्द इति+ह+आस से मिलकर बना है जिसका अर्थ है ” ऐसा हुआ निश्चित रूप से”। इतिहास का जन्म दाता यूनान के इतिहासकार “हेरोडोटस” को माना जाता है । इनकी रचना “हिस्टोरिका” है ।