सतनामी आश्रम की स्थापना 1924
छत्तीसगढ़ में पं. सुन्दरलाल शर्मा द्वारा समाज में सतनाम पंथियों को उच्च दर्जा दिलाने के उद्देश्य से रायपुर में सतनाम समाज आश्रम का स्थापना किया गया ।
अछुतोंद्वार कार्यक्रम 1925
छत्तीसगढ़ में पं. सुन्दरलाल शर्मा द्वारा ही अछुतोंद्वार कार्यक्रम चलाया गया, जिसमें 23 मार्च 1925 को अश्पृश्य एवं अछूत कहे जाने वाले लोगों को राजिम के राजिव लोचन मंदिर में प्रवेश कराने का प्रयास किया गया, परन्तु कट्टर सतनामी हिन्दुओं एवं बन्दुक धारी पुलिसों के विरोध करने पर उन्हें पास के ही राम मंदिर में प्रवेश कराया गया ।
नोट: इस कार्य हेतु गांधीजी ने पं सुन्दरलाल शर्मा को को “गुरु” की उपाधि दी थी।