संविधान की विशेषता एवं संवैधानिक विकास


Feature of Constitution and Constitutional Development 

संविधान की विशेषताएँ – Feature of Constitution

  • भारतीय संविधान सबसे लम्बा लिखित संविधान है । ( USA का सबसे पहला लिखित संविधान है )
  • कठोरता व लचीलापन का मिश्रण 
  • एकात्मक की ओर झुका हुआ संघात्मक संविधान 

संघात्मक                 एकात्मक 
दोहरी सरकार             केंद्र का शक्तिशाली होना 
शक्तियों का विभाजन             अवशिष्ट शक्तियां 
समवर्ती शक्ति (सूचि)             संघ सूचि में महत्वपूर्ण व अधिक विषय
लिखित संविधान             राज्य सूचि में भी कानून बनाने का संघ को अधिकार 
राष्ट्रपति का निर्वाचन             आपातकालीन प्रावधान 
संविधान की कठोरता             राज्य सभा सीटों का असमान वितरण 
न्यायिक पुन्राविलोकन     एकीकृत न्यायपालिका 
                            एकहरी नागरिकता 
                            एकीकृत नौकरशाही 
                            अखिल भारतीय सेवाएं 
                            राज्यपाल की नियुक्ति 
                            संविधान का लचीलापन 
  • एकीकृत न्यायपालिका एवं नौकरशाही 
  • एकहरी नागरिकता 
  • व्यस्क मताधिकार 
  • गणतंत्रात्मक व्यवस्था 
  • मौलिक अधिकार 
  • मौलिक कर्तव्य 
  • निति निर्देशक तत्व 

संविधान का विकास/इतिहास  – Constitutional Development

1757 – प्लासी का युद्ध     – बंगाल में अप्रत्यक्ष अधिकार 
1764 – बक्सर का युद्ध     – बंगाल के निर्विवाद स्वामी 
1765 – इलाहाबाद संधि    – बंगाल बिहार ओड़िसा 
1772 – हेस्टिंग्स               – द्वैध शासन समाप्त / प्रत्यक्ष शासन शुरू 
1773 – बंगाल का गवर्नर – बंगाल का गवर्नर जनरल 
           कलकत्ता में उच्चतम न्यायालय – सर एलिजा 
           बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर अब ब्रिटिश संसद के प्रति उत्तरदायी 
1781 – एक्ट ऑफ़ सेटलमेंट (समाधान का अधिनियम )
1784 – पिट्स इंडिया एक्ट 

                            कम्पनी 
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      |                                                                |
वाणिज्यिक                                            प्रशासनिक 
      |                                                                |
बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर                    बोर्ड ऑफ़ कण्ट्रोल 
                                                   ( संसद के सदस्य)


क्रांति के पहले तक चार्टर (राजपत्र)


1793 का चार्टर – स्थायी बंदोबस्त व्यवस्था 
1813 का चार्टर 
  • एकपक्षीय मुक्त व्यापार
  • चाय व चीनी को छोड़कर कम्पनी का व्यावसायिक एकाधिकार 
  • शिक्षा के लिए 1 लाख रु का प्रावधान 
  • ईसाई मिशनरियों को धर्म प्रचार की छुट  इत्यादि 
1833 का चार्टर 

  • बंगाल का गवर्नर जनरल भारत का गवर्नर जनरल बना – लार्ड विलियम बैंटिक 
  • केन्द्रीयकरण – प्रान्तों से विधायी अधिकार छीन लिया गया 
  • गवर्नर जनरल द्वारा बनाया गया नियम एक्ट Act कहलाया 
  • कम्पनी का वाणिज्यिक कार्य समाप्त 
1853 का चार्टर 
  • खुली प्रतिस्पर्धा – शासकीय सेवाओं के लिए 
  • विधायी व कार्यपालिक कार्य प्रथक 
  • स्थानीय प्रतिनिधित्व – प्रान्तों से सदस्य केन्द्रीय विधायी परिषद में शामिल 
  • चार्टर में 20 वर्ष का उल्लेख न कर, अधिकार संसद के पास 
1858 का अधिनियम ( भारत शासन अधिनियम )
  • भारत के बेहतर शासं के लिए अधिनियम 
  • इलाहाबाद में महारानी की घोषणा पड़ी गई 
  • कम्पनी के शासन को खत्म कर ब्रिटिश सांसद को सौंप दिया गया 
  • गवर्नर जनरल खत्म कर वायसराय शुरू 
  • अधिनियम के अनुसार कम्पनी के बजाय भारत सचिव (ब्रिटिश सांसद , वायसराय ) द्वारा शासन चलाना 
  • भारत का प्रथम वायसराय “लार्ड कैनिंग”
  • भारत सचीव को सलाह देने हेतु 15 सदस्यीय भारत परिषद का गठन (1861,1892,1909)

1861  भारत परिषद अधिनियम 
  • विभागीय प्रणाली (पोर्टफोलियो)
  • प्रान्तों को विधायी अधिकार वापस 
  • केन्द्रीय विधायी परिषद में 3 भारतीयों की नियुक्तिपटियाला के राजा, बनारस के राजा व सर दिनकर राव  – (CGPSC Exam में पूछे जाते है )
  • पुलिस मैनुअल – IPC , CrPC ( Criminal Procedure Code )
  • बजट प्रस्तुत किया गया 
  • अध्यादेश जारी करने की शक्ति वायसराय को 
1892  भारत परिषद अधिनियम 
  • विधायी परिषद सदस्यों का विस्तार – 16 
  • बजट पर चर्चा करने का अधिकार 
  • सरकार से प्रश्न पूछने का अधिकार 
  • अप्रत्यक्ष निर्वाचन शुरू 
1909  भारत परिषद अधिनियम ( मार्ले – मिन्टो सुधार )
  • पृथक साम्प्रदायिक निर्वाचन 
  • केन्द्रीय विधायी परिषद का विस्तार – 60 ( सरकारी बहुमत जारी )
  • बजट पर बहस 
  • पूरक प्रश्न पूछने का अधिकार 
  • गवर्नर जनरल की कार्यकारिणी परिषद में एक भारतीय की नियुक्ति – सत्येन्द्र नाथ सिन्हा

इस मार्ले – मिन्टो सुधार – सांप्रदायिक को बढ़ावा, फुट डालो शासन करो, भारत के विभाजन का कारण, मिन्टो साम्प्रदायिकता का जनक कहलाता है ।
1919 भारत शासन अधिनियम ( मॉटेग्यु घोषणा या अगस्त घोषणा 1917 ) – CGPSC Exam में पूछे जाते है 
  • प्रत्यक्ष चुनाव 
  • द्विसदनात्मक व्यवस्था – राज्य सभा (उच्च सदन ) एवं विधान सभा (निम्न सदन)
  • संघ लोक सेवा का प्रावधान 1926 
  • प्रांतीय विषय का विभाजन – आरक्षित/ सुरक्षित विषय एवं हस्तान्तरित विषय 
        आरक्षित या सुरक्षित विषय – गवर्न द्वारा बनाया जाता 
        हस्तान्तरित विषय चुनी हुई सरकार ( विधायिका के प्रति उत्तरदायी )
1935 भारत शासन अधिनियम

साइमन कमिशन तथा गोलमेज सम्मेलनों का परिणाम 
प्रान्तों में पूर्ण उत्तरदायित्व की सरकार 
प्रांतीय चुनाव 
केंद्र में द्वैध शासन – एक भारतीय संघ जो ब्रिटिश प्रान्तों  व देशी रियासतों से मिलकर बनने वाला था – संघ बन नहीं सका क्यूंकि देशी रियासतें तैयार नहीं थी 
संघीय न्यायालय 
RBI की स्थापना ( RBI एक्ट 1934 )
संविधान की विशेषता एवं संवैधानिक विकास

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