November 2021

ऋग्वैदिक काल 1500 - 1000 B

ऋग्वैदिक काल 1500 – 1000 B. C.

आर्य भारत में सर्वप्रथम पंजाब व अफगानिस्तान के क्षेत्र के आसपास बसे । इस क्षेत्र को सप्तसैन्धव प्रदेश कहा गया, जिसका अर्थ है सात नदियों का समूह ।

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वैदिक (ऋग्वेद) काल धार्मिक जीवन

ऋग्वैदिक काल – धार्मिक जीवन

ऋग्वैदिक काल में धार्मिक जीवन की प्रमुख विशेषता प्राकृतिक शक्तियों का मानवीकरण कर उसकी उपासना करना था ।

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आर्यों का आगमन - वैदिक संस्कृति

आर्यों का आगमन – वैदिक संस्कृति

सिन्धु सभ्यता के पतन के बाद जो नविन संस्कृति प्रकाश में आई उसके बारे में जानकारी वेदों से प्राप्त होती है । अतः इस काल को वैदिक काल कहा गया । वैदिक काल के निर्माता आर्य थे, आर्य शब्द का अर्थ है श्रेष्ठ, यह एक भाषाई विचार है ना कि जातिसूचक ।

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सिंधुघाटी सभ्यता का पतन

सिंधुघाटी सभ्यता का पतन

सिन्धु सभ्यता या हड़प्पा सभ्यता का पतन कैसे हुआ यह एक विवाद का विषय है,  भिन्न भिन्न विद्वानों ने इसके पतन के भिन्न भिन्न कारण बताये जो निम्न प्रकार से

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सिन्धु सभ्यता का आर्थिक जीवन, शिल्प, मोहरें तथा लिपि

सिन्धु सभ्यता का आर्थिक जीवन, शिल्प, मोहरें तथा लिपि

सिन्धु सभ्यता एक नगरीय सभ्यता थी, इस सभ्यता के लोग आर्थिक दृष्टि से समृद्ध थे । इसका मुख्य कारण सिंचित कृषि, विकसित व्यापार एवं उद्योग था । 

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