भारतीय लोक प्रशासन CGPSC Online Classes

Indian Public Administration Online Classes 2
 
 
भारतीय लोक प्रशासन  CGPSC Online Classes : भारतीय लोक प्रशासन से भी बहुत से प्रश्न CGPSC ,VYAPAM, CMO, PATWARI परीक्षा में पूछे जाते है । इसके पहले हम Part 1 में जो पढ़े है उससे आगे निम्नानुसार है ।

2nd Step (1927-1937):सिद्धांतों  का स्वर्ण युग 

1927 – डब्ल्यू .एफ. विलोबी – He Says – हर विषय की तरह लोक प्रशासन के भी कुछ सिद्धांत होंगे जिन्हें विद्वानों को ढूँढना चाहिए और इस सिद्धांत के माध्यम से लोक प्रशासन का विज्ञान बनाना चाहिए।
इसे ” Call for Science ” कहा गया ।
हेनरी फेयोल – 14
लूथर गुलिक – 10           संरचना से जुड़े सिद्धांत
लिडाल उर्विक – 8          व पद्सोपान की प्रक्रिया
मुने व रिले – 4
1937 – Book – Papers on the Science in Administration ( गुलिक /उर्विक )
इस चरण में लोक प्रशासन के सिद्धांतों  को विज्ञान की ओर या विज्ञान बनाने की कोशिश की गई ।
3rd Step (1937-1948): ” चुनौतियों का काल “
यह काल चुनौतियों का काल था क्यूंकि इसने द्विभाजन सिद्धांत  एवं सिद्धांतों के स्वर्ण युग को चुनौती दी ।
द्विभाजन चुनौती – लोक प्रशासन तब तक काम नहीं कर सकता जब तक “राजनीति विज्ञान” (Political Science) इसे दिशा निर्देश नहीं देगा ।
सिद्धांतों को  चुनौती – सिधान्तों को सर्वप्रथम चुनौती साइमन ने दिया और कहा की सिद्धांत मुहावरे और कहावतों की तरह है जिनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है । यहाँ एक सिद्धांत दुसरे सिद्धांतों को काटता है या काट रहा है । इस चरण में लोक प्रशासन का विषय के रूप में अस्तित्व खत्म हो गया ।

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भारतीय लोक प्रशासन CGPSC and All Exam

Indian Public Administration Online Classes for All Exam Part 1
 
 
भारतीय लोक प्रशासन  CGPSC and All Exam : भारतीय लोक प्रशासन से भी बहुत से प्रश्न CGPSC ,VYAPAM, CMO, PATWARI परीक्षा में पूछे जाते है । हम इसमें केवल भारत का ना की किसी राज्य का लोक प्रशासन सम्बन्धित अध्ययन करेंगे । इसके बहुत से भाग है आज हम भाग 1 ( Part 1 ) का अध्ययन करेंगे ।

 

लोक प्रशासन – Public Administration

प्रशासन – Administration –  जब शासन द्वारा जानता के कार्यों का प्रबंधन उत्कृष्ट तरीकों से किया जाता है तब उसे प्रशासन कहते है । प्रशासन एक मुक्त विचार है जो घरेलु से लेकर सरकारी कुछ भी हो सकता है । क्षेत्र के आधार पर ये बड़ा छोटा भी हो सकता है ।
लोक-प्रशासन – Pub-Administration –  लोक प्रशासन में लोक शब्द का अर्थ सरकार से लिया गया है ना की जनता से । अतः लोक प्रशासन मतलब जनता का शासन ना होकर सरकार का शासन होता है जो जनता के लिए होता है । 
 
एक ऐसा प्रशासन जहाँ सरकार द्वारा लोक उद्देश्यों के लिए , लोक धन का प्रयोग कर लोक सेवकों के माध्यम से लोक कल्याण के लिए किया जाता है। लोक प्रशासन में अभिकर्ता के रूप में कार्य करने वालें लोक सेवकों को अस्थायी कार्यपालिका कहते है जो लोक प्रशासक स्थायी राजनैतिक कार्यपालिका के मार्गदर्शन पर कार्य करती है । 
राजनीति निति का निर्माण करती है और नौकर शाह ( लोक-प्रशासन ) उन निति को लागू करती है । लोक प्रशासन राजनीति का यंत्र है । यहाँ लोक प्रशासन को राजनीती का नौकरशाह कहा गया है 
 
लोक प्रशासन का उदय और विकास – लोक प्रशासन का उदय और विकास दो चरणों में दीखता है,
1. प्राचीन काल 2. आधुनिक काल 
 

छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतिक, राजकीय पशु, पक्षी एवं राजभाषा

छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतिक, राजकीय पशु, पक्षी एवं राजभाषा
 
 

छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतिक, राजकीय पशु, पक्षी एवं राजभाषा : छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतिक , राजकीय पशु, पक्षी, वृक्ष एवं राजभाषा आदि का विवरण हमारे इस लेख में वर्णित है।

शासकीय भवनों के नाम 
  • मंत्रालय एवं सचिवालय – “महानदी”
  • संचालनालय – ” इन्द्रावती”
  • विधानसभा भवन – “मिनीमाता”
  • खनिज भवन – “सोना खान”
  • जल संसाधन भवन – “सिहावा”
  • राज्य शासन का विश्राम गृह – “पहुना”
  • मुख्यमंत्री निवास – “करुणा”
  • विधान सभा अध्यक्ष निवास – “संवेदना”
  • विधायक विश्राम गृह – “संगवारी”
  • वन विभाग – “अरण्य भवन”
शासकीय संस्थान
  • शासकीय मुद्रणालय – ग्राम “चिखली” राजनांदगांव
  • ब्रेनलिपि प्रेस  – ” तिफरा” बिलासपुर
  • राजस्व मंडल मुख्यालय  – “बिलासपुर “
  • वन मुख्यालय  – “रायपुर “
  • औद्योगिक न्यायाधिकरण मुख्यालय  – “रायपुर “
  • पर्यावरण संरक्षण मुख्यालय  – “भिलाई”

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छत्तीसगढ़ -उपखंड, तहसील और ब्लॉक विवरण

छत्तीसगढ़ -उपखंड, तहसील और ब्लॉक विवरण
 
 

छत्तीसगढ़ -उपखंड, तहसील और ब्लॉक विवरण : छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक व्यवस्था को मुख्यतः 4 भागों में बांटा गया है, जिसमें से हमने संभाग और जिला की जानकारी का अध्ययन Part 1 एवं Part 2 में  कर चुके है । इस भाग में हम अनुविभाग , तहसील एवं विकासखंड का अध्ययन करेंगे । यह पूरी जानकारी आपके सभी पर्तियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है विशेषतः CGPSC के लिए ।

3. अनुविभाग
  • राजस्व इकाई में अनुविभाग जिलें से छोटी इकाई होती है ।
  • अनुविभाग के प्रमुख को (अनुविभागीय अधिकारी ) को SDM या SDO कहा जाता है।
  • यह अधिकारी प्रशासनिक सेवा से होता है जिन्हें Deputy Collector कहा जाता है ।
  • वर्तमान में ( 2019) में अनुविभागों की संख्या 87 है ।
4. तहसील
  • जिला बहुत से तहसीलों में बंटा हुआ होता है ।
  • तहसीलों का मुख्य तहसीलदार होता है। ( इसकी सिर्फ घोषणा हुई थी )
  • वर्तमान में ( 2019) में तहसीलों की संख्या 150+6 = 156  है ।
  • छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक तहसील वाला जिला जांजगीर चाम्पा है जिसकी संख्या 10 है ।
  • छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा तहसील पोड़ी उपरोड़ा है जो कोरबा जिला में है ।

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