अरब सागर में गिरने वाली नदियाँ

अरब सागर में गिरने वाली नदियाँ

नर्मदा नदी – Narmada River

नर्मदा नदी उच्च केन्द्रीय पठार के मध्यप्रदेश राज्य के अमरकंटक नामक जगह से निकलती है। यह इस भाग के नदियों में गोदावरी और कृष्णा के बाद तीसरी लम्बी नदी है।
यह अपने रास्ते में बहुत रोमांचक घाटियों का निर्माण करती है और जबलपुर में संगमरमर के पहाड़ों से होते हुए भेडाघाट के समीप धुआँधार जलप्रपात का निर्माण करती है।
नर्मदा और ताप्ति ऐसी दो नदियाँ है जो पूर्व की ओर बहती है और मध्यप्रदेश एवं गुजरात को होते हुए अरब सागर की खम्भात की खाड़ी में विलीन हो जाती है।
लम्बाई – 1312 किलोमीटर

ताप्ति नदी – Tapti River

यह नदी मध्यप्रदेश राज्य के बैतूल जिले के मुलताई नामक जगह से निकलती है। यह मध्यप्रदेश से होते हुए गुजरात के सुरत शहर में एक बंदरगाह बनाते हुए अरब सागर के खम्भात की खाड़ी में विलीन हो जाती है।
लम्बाई – 724 किलोमीटर
नोट: नर्मदा और ताप्ति नदी भ्रंसघाटी से होकर गुजरती है । 
 

दक्षिण भारत की नदियाँ

दक्षिण भारत की नदियाँ
दक्षिण भारत की नदियाँ  ज्यादातर वर्षा पर ही आधारित रहती है। यही कारण है की इनमें से कुछ नदियाँ ग्रीष्म काल में सुख जाती है या बहुत कम पानी होता है, जिसके कारण इनका बहाव कम होता है।  इनकी लम्बाई भी बहुत कम होती है। इन्हें प्रायद्वीपीय नदियाँ भी कहा जाता है
1. गोदावरी नदी 
2. कृष्णा नदी 
3. कावेरी नदी 
 

गोदावरी नदी Godavari River 

यह दक्षिण भारत की सबसे लम्बी नदी है इसलिए इसे दक्षिण गंगा के नाम से भी जाना जाता है। यह नदी महाराष्ट्र के नासिक जिले के त्र्यम्बकेश्वर की पहाड़ियों से निकली है।  त्र्यम्बकेश्वर बारह ज्योतिर्लिंग में से एक है जहाँ कुम्भ का मेला ( नासिक ) लगता है। इसकी बहुत सी सहायक नदियाँ है।

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ब्रह्मपुत्र अपवाह तंत्र

ब्रह्मपुत्र अपवाह तंत्र

यह नदी Great Himalaya के समानांतर बहती हुयी पश्चिम से पूर्व की ओर बहते हुए पूर्व में स्थित नामचा बारवा पर्वत से टकरा कर दक्षिण में मुड़कर भारत में अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करते हुए पुरे आसाम को कवर करते हुए बांग्लादेश के पास Ganga से मिलती है।

गंगा अपवाह तंत्र

गंगा अपवाह तंत्र

गंगा नदी

 
उदगम – वृहद् हिमालय के गंगोत्री ग्लेशियर के गोमुख नामक स्थान से 
लम्बाई – 2525 किलोमीटर – किन्तु कुछ लोग 2510 किलोमीटर है इसका बखान करते है ।  यह भारत की सबसे लम्बी नदी है ।

गंगा नदी का  महत्वपूर्ण तथ्य 

 
सबका मत भिन्न है 
 
गंगा नदी भारत की सबसे लम्बी नदी है और यह गंगोत्री से बंगाल की खाड़ी तक 2525 किलोमीटर का सफर तय करती है। इसकी प्रमुख धारा कुछ भागो में बंट जाने की वजह से “अलखनंदा एवं भागीरथी” नदी का जन्म हुआ है जो बाद में फिर से देव प्रयाग में में मिल जाते है।
अलखनंदा नदी का उदगम शातोपथ की पहाड़ी से और भागीरथी नदी का उदगम गंगोत्री ग्लेशियर से होती है।  इन दोनों नदियों का संगम “देवप्रयाग” नामक स्थान में होता है, यहीं से दोनों एक होकर गंगा नदी का रूप लेती है और इसे गंगा कहा जाता है ।

अलखनंदा + भागीरथी ( देव प्रयाग ) = गंगा नदी
1. विष्णु प्रयाग – अलखनंदा से गौरी नदी का संगम
2. रूद्र प्रयाग – अलखनंदा नदी से मीनाक्षी नदी का संगम
3. कर्ण प्रयाग – अलखनंदा  नदी से पिंदाल नदी का संगम
4. देव प्रयाग – अलखनंदा  नदी से भागीरथी नदी का संगम – और गंगा नदी का उदय
5. प्रयाग – गंगा नदी का संगम यमुना नदी से

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सिन्धु नदी अपवाह तंत्र

सिन्धु नदी अपवाह तंत्र

सिन्धु नदी

 
प्राचीन नाम – हिरण्यनी ।
उदगम – कैलाश पर्वत मानसरोवर झील तिब्बत के पठार से ।
विसर्जन – पाकिस्तान में करांची के निकट अरब सागर में ।
लम्बाई – 2880 किलोमीटर ( भारत में केवल 114 किलोमीटर बहती है )।
देश – तिन देशों में बहती है – चीन , भारत एवं पाकिस्तान ।
सबसे लम्बी सहायक नदी – चिनाब ।
सन 1960 में भारत, पाकिस्तान तथा चीन के मध्य सिन्धु नदी समझौता हुआ जिसमें भारत 20%, चीन 10% तथा पाकिस्तान 70% जल का उपभोग करेगा। सिन्धु नदी भारत से होकर बहने वाली सबसे लम्बी नदी है ।

झेलम नदी

प्राचीन नाम – विस्तता ।
उदगम – बेरिबाग पर्वत के शेषनाग झील जम्मू कश्मीर से ।
लम्बाई – 1180 किलोमीटर

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