2021

1857 की क्रांति का परिणाम, स्वरूप और महत्व

1857 की क्रांति का परिणाम, स्वरूप और महत्व

1 नवम्बर 1858 को इलाहाबाद में महारानी का घोषणा पढ़ा गया, जिसमें भारत सरकार की नवींन निति का उल्लेख किया गया था, जिसके अंतर्गत या तहत निम्न परिवर्तन किये गए

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ब्रह्म समाज की स्थापना - राजा राम मोहन राय

ब्रह्म समाज की स्थापना – राजा राम मोहन राय

पर्दाप्रथा, बहुविवाह, सती प्रथा, वैश्यावृत्ति, जातिवाद, बालविवाह आदि का विरोध किया ।

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