छत्तीसगढ़ के औद्योगिक क्षेत्र

छत्तीसगढ़ के औद्योगिक क्षेत्र
छत्तीसगढ़ के औद्योगिक क्षेत्र  (Industrial Area ) – छत्तीसगढ़ में औद्योगिक क्षेत्र को चार भागों में बांटा गया है या जा सकता है, वृहद, मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म औद्योगिक क्षेत्र ।

इसके पहले हमने “छतीसगढ़ औद्योगिकीकरण संरचना” में जाना की औद्योगिक क्षेत्र क्या है, उसको आगे बढ़ाते हुए आज हम अध्योगिक क्षेत्र के बारे में विस्तार से पढेंगे ।

औद्योगिक क्षेत्र – INDUSTRIAL AREA

  • औद्योगिक क्षेत्र किसी नगर राज्य या अन्य प्रशासनिक भौगोलिक इकाई का वह भाग होता है जिसका प्रयोग अधिकांश रूप से उद्योग के लिए किया जाता है ।
  • इसमें कारखाने एवं अन्य औद्योगिक भवन होते है, और अक्सर लोगों के आवास का कोई प्रबंध नहीं होता ।
  • इस प्रकार औद्योगिक क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ विशेष रूप से कई कारखानों के लिए योजना बने जाति है ।
औद्योगिक क्षेत्र निम्न प्रकार से है :-
1. वृहद औद्योगिक क्षेत्र
2. मध्यम औद्योगिक क्षेत्र
3. लघु औद्योगिक क्षेत्र
4. सूक्ष्म औद्योगिक क्षेत्र

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छत्तीसगढ़ की औद्योगिकीकरण संरचना

छत्तीसगढ़ की औद्योगिकीकरण संरचना
छत्तीसगढ़ की औद्योगिकीकरण संरचना  – इसके पहले भाग में हमने  वन आधारित उद्योगों  Chhattisgarh Ke Van Aadharit Udhyog aur Anya Udhyog के विषय में पढ़ा । आज हम छत्तीसगढ़ के औद्योगीकरण संरचना  औद्योगिक क्षेत्र, औद्योगिक विकास केंद्र, औद्योगिक पार्क इत्यादि  के विषय में पढेंगे ।

छत्तीसगढ़ औद्योगिक क्षेत्र – CHHATTISGARH INDUSTRIAL AREA

 
  • औद्योगिक क्षेत्र किसी नगर राज्य या अन्य प्रशासनिक भौगोलिक इकाई का वह भाग होता है जिसका प्रयोग अधिकांश रूप से उद्योग के लिए किया जाता है ।
  • इसमें कारखाने एवं अन्य औद्योगिक भवन होते है, और अक्सर लोगों के आवास का कोई प्रबंध नहीं होता ।
  • इस प्रकार औद्योगिक क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ विशेष रूप से कई कारखानों के लिए योजना बने जाति है ।

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छत्तीसगढ़ के वन आधारित उद्योग एवं अन्य उद्योग

छत्तीसगढ़ के वन आधारित उद्योग एवं अन्य उद्योग

छत्तीसगढ़ के वन आधारित उद्योगों जैसे  कागज उद्योग , कोसा उद्योग, लाख उद्योग एवं अन्य उद्योग जैसे माचिस एवं बीड़ी उद्योग 

छत्तीसगढ़ में शक्कर, चांवल, जुट उद्योग एवं कपड़ा उद्योग

छत्तीसगढ़ में शक्कर, चांवल, जुट उद्योग एवं कपड़ा उद्योग
छत्तीसगढ़ में शक्कर, चांवल, जुट उद्योग एवं कपड़ा उद्योग  – इसके पहले भाग में हमने BALCO and Cement Udhyog in Chhattisgarh के विषय में पढ़ा । आज हम छत्तीसगढ़ के कृषि आधारित उद्योगों जैसे  कपड़ा (Cloth) उद्योग , जुट उद्योग, चांवल उद्योग एवं शक्कर कारखाने  के विषय में पढेंगे ।

सूती वस्त्र उद्योग – Cotton Textile Industry

BNC Mill – बंगाल नागपुर कॉटन मील
स्थापना – 1892
स्थान – राजनांदगांव
पूर्व नाम – C.P. Mill
निर्माणकर्ता – जे.के. मैकवेथ कम्पनी मुंबई ।
सहयोगी – राजनांदगांव रियासत के राजा बहादुर बलराम दास ।

जूट उद्योग – Jute Industry

मोहन जूट उद्योग – Mohan Jute Mill
स्थापना – 1935
स्थान – रायगढ़
विशेष – छत्तीसगढ़ का एकमात्र जूट मील

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छत्तीसगढ़ बालको एवं सीमेंट उद्योग

छत्तीसगढ़ बालको एवं सीमेंट उद्योग
छत्तीसगढ़ बालको एवं सीमेंट उद्योग  – इसके पहले भाग में हमने Bhilai Steel Plant and Other Steel Industries in Chhattisgarh के विषय में पढ़ा । आज हम छत्तीसगढ़ के सीमेंट उद्योग और बालको कोरबा  के विषय में पढेंगे ।

भारत एल्युमिनियम कं. लिमिटेड  – BALCO KORBA

स्थान – कोरबा
स्थापना – 1965
तकनिकी सहयोग – सोवियत संघ – USSR ( रूस-Russia ) एवं हंगरी
उत्पादन वर्ष – 1972

कच्चे माल की आपूर्ति – Supply of Raw Materials

बॉक्साइट ( Bauxite ) –  बॉक्साइट की आपूर्ति  पहले अमरकंटक से वर्तमान में मैनपाट ( सरगुजा जिला ) अंबिकापुर  और फटका पहाड़ कोरबा से  होती है ।
जल ( Water ) –  हसदेव बैराज कोरबा से ।

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भिलाई स्टील प्लांट एवं अन्य स्टील प्लांट छत्तीसगढ़

भिलाई स्टील प्लांट एवं अन्य स्टील प्लांट छत्तीसगढ़
भिलाई स्टील प्लांट एवं अन्य स्टील प्लांट छत्तीसगढ़  – इसके पहले भाग में हमने Chhattisgarh Me Udhyog (Industries) ki Shuruaat aur Vargikaran के विषय में पढ़ा । आज हम छत्तीसगढ़ के लौह आधारित उद्योग भिलाई स्टील प्लांट और अन्य लौह उद्योग  के विषय में पढेंगे ।

भिलाई स्टील प्लांट – Bhilai Steel Plant

स्थान – भिलाई दुर्ग
स्थापना – द्वितीय पंचवर्षीय योजना ( 1956-1961 )
सहयोग – सोवियत संघ – USSR ( रूस-Russia )
उत्पादन वर्ष – 1959
क्षेत्र – सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम ( Public Sector Unit – PSU )
अधीन – SAIL ( स्टील अथॉरिटी इंडिया लिमिटेड )

कच्चे माल की आपूर्ति – Supply of Raw Materials

  1. लौह अयस्क (Iron Ore) – दल्ली राजहरा (बालोद ) – दल्ली राजहरा में लौह अयस्क समाप्ति के कगार पर है अतः भविष्य में कांकेर जिले के रावघाट से लौह अयस्क की आपूर्ति की जायेगी ।
  2. कोयला (Coal) – कोरबा ( Korba )
  3. कोकिंग कोयला (Coking Coal) – बोकारो झारिया ( झारखण्ड )
  4. डोलोमाईट (Dolomite) – हिर्री माइंस ( बिलासपुर )
  5. चूना पत्थर (Limestone) – नंदिनी खुन्दनी माइंस – भिलाई
  6. मैगनीज (Manganese) – बालाघाट ( मध्यप्रदेश )
  7. विद्युत (Electricity) – NTPC कोरबा ( Korba )
  8. जल (Water) – तांदुला ( बालोद ) , गोंदली एवं रविशंकर जलाशय ( धमतरी – गंगरेल बाँध )

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