आर्य समाज व प्रार्थना समाज – दयानंद सरस्वती – आर्य समाज की स्थापना सन 1875 में स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा किया गया था । इनका मूलनाम मूलशंकर है, आर्य समाज की स्थापना का उद्देश्य ब्रह्मसमाज को जारी रखना था ।
आर्य समाज
संस्थापक – स्वामी दयानंद सरस्वती
वर्ष – 1875
स्थान – मुम्बई
मुख्यालय – लाहौर (1877)
नारा – वेदों की ओर लौटो
मृत्यु – 1883
दयानंद जी को भारत का “मार्टिन लूथर” कहा जाता है, इनकी प्रसिद्ध रचना “सत्यार्थ प्रकाश” है ।
विशेष : स्वामी दयानंद ने “सर्वप्रथम स्वराज शब्द” का प्रयोग किया था ।
स्वामी ने हिंदी को राष्ट्रभाषा माना, तथा इनका कथन था की “अच्छा शासन स्वशासन का स्थानापन्न नहीं है” । इनके गुरु का नाम “विरजानंद” था ।