सिक्ख, वायकोम, गुरुवायुर सत्याग्रह व अन्य आन्दोलन

सिक्ख, वायकोम, गुरुवायुर सत्याग्रह व अन्य आन्दोलन
मुस्लिम सुधार आन्दोलन के अलावा पारसियों, सिक्खों एवं अन्य आन्दोलन हुए, तथा सामजिक सुधार हेतु अन्य कदम उठाये गए ।

पारसी आन्दोलन

रहनुमाई माजदयासन सभा  1851  

संस्थापक – दादाभाई नैरोजी , S.S. बंगाली , फर्दौन जी , आर. के. कामा , जी.बी. वाचा ।
विशेष  – येदादाभाई नैरोजी ने “रांस्तगुफ्तार” नामक पत्रिका का प्रकाशन किया ।

सिक्ख आन्दोलन  

कुका आन्दोलन  1840-72  

 
नेतृत्त्व  – भगत जवाहर मल व उनके शिष्य बालक सिंह।
स्थान  – पंजाब
बालक सिंह के मृत्यु के पश्चात् रामसिंह ने नेतृत्त्व प्रदान किया । रामसिंह पहले भारतीय नेता थे, जिन्होंने ब्रिटिश वस्तुओं के बहिष्कार का उपयोग राजनितिक हथियार के रूप में किया । इन्होने ही “नामधारी” आन्दोलन चलाया था, जिसमें मद्यपान निषेध, गो मांस निषेध, वृक्ष पूजा तथा महिलाओं के समानता पर बल दिया ।

Read more

मुस्लिम सुधार आन्दोलन

मुस्लिम सुधार आन्दोलन

अलीगढ आन्दोलन

प्रवर्तक – सर सैय्यद अहमद खां 
उद्देश्य – इस्लाम में व्याप्त सामाजिक कुरीति दास प्रथा आदि के विरुद्ध आवाज उठाना ।
 
अंग्रेजी शिक्षा व ब्रिटिश सरकार के साथ सहयोग के पक्ष में यह एक असरदार आन्दोलन था ।  1857 के विद्रोह के समय “सर सैय्यद अहमद ” बिजनौर (उत्तरप्रदेश) के सदर-अमीन के पद पर पदस्थ थे । 
इन्होने 1857 के विद्रोह से सम्बंधित एक प्रसिद्द पुस्तक “असबाब =बगावत-ऐ-हिन्द” की रचना की, जिसका अंग्रेजी अनुवाद “The Causes of Indian Mutiny” है 

अन्य योगदान 

 
सर सैय्यद अहमद खां ने कलकत्ता में 1864 में Scientific Society की स्थापना की , इस सोसायटी में कुछ प्रतिष्ठित अंग्रेजी पुस्तकों का हिंदी व उर्दू में अनुवाद किया, जिससे मुस्लिम समाज पाश्च्यत संस्कृति व विचारों से परिचित हो।
ब्रिटिश सरकार से सम्बन्ध सुधारना व मुसलमानों में आधुनिक शिक्षा का प्रसार करना, यही अहमद खां का मुख्य उद्देश्य था । इस हेतु उन्होंने 1875 में मोमेडन एंग्लो ओरिएण्टल स्कुल तथा कॉलेज की स्थापना अलीगढ में की, जो की बाद में 1920 में अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी बना 
 
सर सैय्यद अहमद खां व बनारस के राजा “शिव प्रसाद सिंह” ने कांग्रेस के विरोध में United Indian Patriotic Association की स्थापना की । 
 

रचना व पत्रिका 

तहजीब-उल- अखलाख  हिंदी में सभ्यता और नैतिकता ( CGPSC Exam IMP )
राजभक्त मुसलमान 
इन्होने कुरान पर टिका लिखा 
 

थियोसोफिकल सोसाइटी – ऐनी बेसेंट

थियोसोफिकल सोसाइटी
थियोसोफिकल शब्द थियोसोफी से बना है और थियोसोफी शब्द थियोसिं सोफिया से बना है । जिसमें थियोस का अर्थ है “ईश्वर” तथा सोफिया शब्द का अर्थ है “ज्ञान” । इस प्रकार थियोसोफिकल शब्द का अर्थ है “ईश्वरीय ज्ञान” ।
स्थापना – 1875
स्थान – न्युयोर्क 
संस्थापक – कर्नल हेनरी अल्काट और मैडम हेलेना पेट्रासना प्लावत्सकी
 

थियोसोफिकल सोसाइटी के दर्शन व सिद्धांत

थियोसोफिकल सोसायटी ब्राह्मण तथा बौद्ध ग्रंथों से प्रभावित था । यह हिन्दू धर्म के अध्यात्मिक दर्शन,  उसके सिद्धांत, जन्म-पुनर्जन्म, मोक्ष-निर्वाण तथा कर्म पर विश्वाश करती थी 
 
इस संसथान ने कातिवाद का विरोध किया था तथा विधवाओं की दशा सुधारने का प्रयास किया 
 

स्वामी विवेकानंद – रामकृष्ण मिशन

स्वामी विवेकानंद - रामकृष्ण मिशन
 
 
स्वामी विवेकानंद – रामकृष्ण मिशन  – स्वामी विवेकानंद ने “रामकृष्ण मिशन” की स्थापना सन 1897 में पश्चिम बंगाल के  “वेलुर मठ” नामक स्थान में की थी । विवेकानंद जी के अनुसार  मिशन का उद्देश्य मानवजाति की सेवा से था ।

रामकृष्ण मिशन

संस्थापक             –    स्वामी विवेकानंद 
वर्ष                       –    1897
स्थान                   –    वेलुर मठ (पश्चिम बंगाल)

धार्मिक विचार

  • रामकृष्ण मिशन की शिक्षा में उपनिषद व गीता के दर्शन देखने को मिलता है ।
  • इसने धार्मिक संकीर्णता, कर्मकांड तथा अंध विशवास का विरोध किया ।
  • मिशन का मानना है की इश्वर की आराधना का सर्वोत्तम मार्ग मानवजाती की सेवा करना है ।
  • दीन-दुखियों की सेवा ही सच्ची ईश्वर सेवा है ।

Read more