अलीगढ आन्दोलन
प्रवर्तक – सर सैय्यद अहमद खां
उद्देश्य – इस्लाम में व्याप्त सामाजिक कुरीति दास प्रथा आदि के विरुद्ध आवाज उठाना ।
अंग्रेजी शिक्षा व ब्रिटिश सरकार के साथ सहयोग के पक्ष में यह एक असरदार आन्दोलन था । 1857 के विद्रोह के समय “सर सैय्यद अहमद ” बिजनौर (उत्तरप्रदेश) के सदर-अमीन के पद पर पदस्थ थे ।
इन्होने 1857 के विद्रोह से सम्बंधित एक प्रसिद्द पुस्तक “असबाब =बगावत-ऐ-हिन्द” की रचना की, जिसका अंग्रेजी अनुवाद “The Causes of Indian Mutiny” है ।
अन्य योगदान
सर सैय्यद अहमद खां ने कलकत्ता में 1864 में Scientific Society की स्थापना की , इस सोसायटी में कुछ प्रतिष्ठित अंग्रेजी पुस्तकों का हिंदी व उर्दू में अनुवाद किया, जिससे मुस्लिम समाज पाश्च्यत संस्कृति व विचारों से परिचित हो।
ब्रिटिश सरकार से सम्बन्ध सुधारना व मुसलमानों में आधुनिक शिक्षा का प्रसार करना, यही अहमद खां का मुख्य उद्देश्य था । इस हेतु उन्होंने 1875 में मोमेडन एंग्लो ओरिएण्टल स्कुल तथा कॉलेज की स्थापना अलीगढ में की, जो की बाद में 1920 में अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी बना ।
सर सैय्यद अहमद खां व बनारस के राजा “शिव प्रसाद सिंह” ने कांग्रेस के विरोध में United Indian Patriotic Association की स्थापना की ।
रचना व पत्रिका
तहजीब-उल- अखलाख हिंदी में सभ्यता और नैतिकता ( CGPSC Exam IMP )
राजभक्त मुसलमान
इन्होने कुरान पर टिका लिखा