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आर्यों का आगमन - वैदिक संस्कृति

आर्यों का आगमन – वैदिक संस्कृति

सिन्धु सभ्यता के पतन के बाद जो नविन संस्कृति प्रकाश में आई उसके बारे में जानकारी वेदों से प्राप्त होती है । अतः इस काल को वैदिक काल कहा गया । वैदिक काल के निर्माता आर्य थे, आर्य शब्द का अर्थ है श्रेष्ठ, यह एक भाषाई विचार है ना कि जातिसूचक ।

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सिंधुघाटी सभ्यता का पतन

सिंधुघाटी सभ्यता का पतन

सिन्धु सभ्यता या हड़प्पा सभ्यता का पतन कैसे हुआ यह एक विवाद का विषय है,  भिन्न भिन्न विद्वानों ने इसके पतन के भिन्न भिन्न कारण बताये जो निम्न प्रकार से

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सिन्धु सभ्यता का आर्थिक जीवन, शिल्प, मोहरें तथा लिपि

सिन्धु सभ्यता का आर्थिक जीवन, शिल्प, मोहरें तथा लिपि

सिन्धु सभ्यता एक नगरीय सभ्यता थी, इस सभ्यता के लोग आर्थिक दृष्टि से समृद्ध थे । इसका मुख्य कारण सिंचित कृषि, विकसित व्यापार एवं उद्योग था । 

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छत्तीसगढ़ में भारत छोड़ो आन्दोलन-डायनामाईट काण्ड

डायनामाईट काण्ड – छत्तीसगढ़ में भारत छोड़ो आन्दोलन

डायनामाईट काण्ड – भारत छोड़ो आन्दोलन के समय होने वाली प्रमुख घटनाएँ दुर्ग में “रघुनंदन सिंगरौल” द्वारा कचहरी एवं न्यायपालिका भवन में आग लगाया गया तथा जिसके

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छत्तीसगढ़ कैबिनेट मिशन एवं विधानसभा चुनाव

छत्तीसगढ़ – कैबिनेट मिशन एवं विधानसभा चुनाव

कैबिनेट मिशन – संविधान सभा में छत्तीसगढ़ का नेतृत्व (1946) कैबिनेट मिशन के तहत भारत के संविधान निर्माण में गठित संविधान निर्मात्री सभा में बरार एवं मध्यप्रांत

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गांधीजी का छत्तीसगढ़ में द्वितीय आगमन 1933

Gandhi Ji in Chhattisgarh – गांधीजी का छत्तीसगढ़ में द्वितीय आगमन 1933

द्वितीय सविनय अवज्ञा आन्दोलन के समय गांधीजी ने हरिजन कल्याण हेतु समस्त भारत की यात्रा की, इसी क्रम में गांधीजी का द्वितीय आगमन छत्तीसगढ़ में भी हुआ। यहाँ

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