थियोसोफिकल सोसाइटी – ऐनी बेसेंट

थियोसोफिकल सोसाइटी
थियोसोफिकल शब्द थियोसोफी से बना है और थियोसोफी शब्द थियोसिं सोफिया से बना है । जिसमें थियोस का अर्थ है “ईश्वर” तथा सोफिया शब्द का अर्थ है “ज्ञान” । इस प्रकार थियोसोफिकल शब्द का अर्थ है “ईश्वरीय ज्ञान” ।
स्थापना – 1875
स्थान – न्युयोर्क 
संस्थापक – कर्नल हेनरी अल्काट और मैडम हेलेना पेट्रासना प्लावत्सकी
 

थियोसोफिकल सोसाइटी के दर्शन व सिद्धांत

थियोसोफिकल सोसायटी ब्राह्मण तथा बौद्ध ग्रंथों से प्रभावित था । यह हिन्दू धर्म के अध्यात्मिक दर्शन,  उसके सिद्धांत, जन्म-पुनर्जन्म, मोक्ष-निर्वाण तथा कर्म पर विश्वाश करती थी 
 
इस संसथान ने कातिवाद का विरोध किया था तथा विधवाओं की दशा सुधारने का प्रयास किया 
 

छत्तीसगढ़ के प्रमुख आदिवासी विद्रोह

छत्तीसगढ़ के प्रमुख आदिवासी विद्रोह
छत्तीसगढ़ के प्रमुख आदिवासी विद्रोह – काकतीय वंश के शासन काल में छत्तीसगढ़ दण्डकारण्य क्षेत्र में कई जन जातीय विद्रोह आरम्भ हुए । यह विद्रोह जनजातीय शोषण एवं सांस्कृतिक अस्मिता पर हस्तक्षेप के कारण प्रारंभ हुआ ।

छ.ग. में कवर्धा को किसलिए जाना जाता है   – फणी नागवंशी 

हल्बा विद्रोह – 1774-177

  • शासक – अजमेर सिंह
  • नेतृत्त्वकर्ता – अजमेर सिंह
  • विद्रोह क्षेत्र – बड़े डोंगर परगना का क्षेत्र ।
  • कारण – दरिया देव के विरुद्ध अजमेर और दरियादेव के मध्य उत्तराधिकारी हेतु ।
  • परिणाम – अजमेर सिंह की मृत्यु एवं सम्पूर्ण हल्बा विद्रोहियों को समाप्त कर दिया गया ।

Read more

भारत पर मुग़ल एवं अन्य राजवंश का शासन

Mughal and Other Dynasty Ruling in India
भारत पर शासन करने वाले मुग़ल शासक से पहले जिन वंशों ने भारत पर आक्रमण कर दिल्ली में अपनी शासन को शुरू किया और कब तक किन किन शासकों ने राज किया इसकी जानकारी निम्नानुसार है —

Mughal and Other Dynasty Ruling India

गुलाम वंश

2. अराम शाह (1210-1211)
3. इल्तुतमिश (शम्स उद दीन)  (1211-1236)
4. रुकन उद दीन फिरोज (1236)
5. रजिया सुल्तान (रज़ियात उद दीन सुल्ताना) (1236-1240)
6. मुइज़ उद दीन बहराम (1240-1242)
7. अला उद दीन मसूद (1242-1246)
8. नासिर उद दीन महमूद (1246-1266)
10. मुईज़ उद दीन क़ायकाबाद (1286-1290)
11. कयूमर्स (1290)

Read more

भारत के साथ हुए युद्ध

Battles with India

Battles with India

हाईडेस्पीज का युद्ध (Battle of the Hydaspes) – समय : 326 ई.पू. 

किसके बीच – सिकंदर और पंजाब के राजा पोरस के बीच हुआ, जिसमे सिकंदर की विजय हुई।

कलिंग की लड़ाई (Kalinga War) – समय : 261 ई.पू. 

किसके बीच – सम्राट अशोक ने कलिंग पर आक्रमण किया। युद्ध के रक्तपात को देखकर उसने युद्ध न करने की कसम खाई।

सिंध की लड़ाई – समय : 712 ई. 

किसके बीच – मोहम्मद कासिम ने अरबों की सत्ता स्थापित की।

तराईन का प्रथम युद्ध (Battles of Tarain) – समय : 1191 ई. 

किसके बीच – मोहम्मद गौरी और पृथ्वी राज चौहान के बीच हुआ, जिसमे चौहान की विजय हुई।

तराईन का द्वितीय युद्ध (2nd Battles of Tarain) – समय : 1192 ई.

किसके बीच – मोहम्मद गौरी और पृथ्वी राज चौहान के बीच हुआ, जिसमे मोहम्मद गौरी की विजय हुई।

Read more

स्वामी विवेकानंद – रामकृष्ण मिशन

स्वामी विवेकानंद - रामकृष्ण मिशन
 
 
स्वामी विवेकानंद – रामकृष्ण मिशन  – स्वामी विवेकानंद ने “रामकृष्ण मिशन” की स्थापना सन 1897 में पश्चिम बंगाल के  “वेलुर मठ” नामक स्थान में की थी । विवेकानंद जी के अनुसार  मिशन का उद्देश्य मानवजाति की सेवा से था ।

रामकृष्ण मिशन

संस्थापक             –    स्वामी विवेकानंद 
वर्ष                       –    1897
स्थान                   –    वेलुर मठ (पश्चिम बंगाल)

धार्मिक विचार

  • रामकृष्ण मिशन की शिक्षा में उपनिषद व गीता के दर्शन देखने को मिलता है ।
  • इसने धार्मिक संकीर्णता, कर्मकांड तथा अंध विशवास का विरोध किया ।
  • मिशन का मानना है की इश्वर की आराधना का सर्वोत्तम मार्ग मानवजाती की सेवा करना है ।
  • दीन-दुखियों की सेवा ही सच्ची ईश्वर सेवा है ।

Read more

आर्य समाज व प्रार्थना समाज – दयानंद सरस्वती

आर्य समाज व प्रार्थना समाज - दयानंद सरस्वती
 
 
आर्य समाज व प्रार्थना समाज – दयानंद सरस्वती  – आर्य समाज की स्थापना सन 1875 में स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा किया गया था । इनका मूलनाम मूलशंकर है, आर्य समाज की स्थापना का उद्देश्य ब्रह्मसमाज को जारी रखना था ।

आर्य समाज

संस्थापक             –    स्वामी दयानंद सरस्वती
वर्ष                      –    1875
स्थान                   –    मुम्बई
मुख्यालय            –    लाहौर (1877)
नारा                    –    वेदों की ओर लौटो 
मृत्यु                    –    1883
 
दयानंद जी को भारत का “मार्टिन लूथर” कहा जाता है, इनकी प्रसिद्ध रचना “सत्यार्थ प्रकाश” है ।
विशेष : स्वामी दयानंद ने “सर्वप्रथम स्वराज शब्द” का प्रयोग किया था ।
स्वामी ने हिंदी को राष्ट्रभाषा माना, तथा इनका कथन था की “अच्छा शासन स्वशासन का स्थानापन्न नहीं है” । इनके गुरु का नाम “विरजानंद” था ।

Read more