निरपेक्ष गरीबी के वैश्विक आंकड़े

वर्ल्ड बैंक ने 2013 की रिपोर्ट में आंकड़े जारी किये है —
शीर्षक“गरीब कहाँ है, सर्वाधिक गरीब कहाँ है, दुनियां में 7 अरब 65 करोड़ लोग रहते है”
 
वर्ल्ड बैंक के अनुसार दुनियां में 120 करोड़ लोग बेहद गरीब की श्रेणी में है।
वर्ल्ड बैंक ने कहा 1.25$ डॉलर ( 80-90 रुपये ) प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन कमाने वाला गरीब माना जायेगा ।
दुनियां में सबसे ज्यादा गरीबी की संख्यां में भारत पहले स्थान पर है ।
अफ्रीका में गरीबी का प्रतिशत विक्राल समस्या है ।
सह्शाताब्दी विकास लक्ष्य 2015 को अब 2030 तक बढ़ा दिया गया है। इसमें लक्ष्य है की दुनियां में गरीबी हटा दी जायेगी ।
सापेक्ष गरीबी का मापन ( आर्थिक विषमता का मापन )
 
इसे मापने के दो तरीके है —
1. Poverty Gap Index (PGI ) गरीबी अंतराल सूचकांक 
  • PGI में Rich vs Poor अमीरी बनाम गरीबी के बिच की दुरी को खोजता है । तथा गरीबों में गरीब को खोजता है ।
  • PGI को दर्शाने के लिए लौरेंज वक्र और गिनी गुणांक आया ।
  • 1905 लौरेंज वक्र – आमिर गरीब के अंतर को दर्शाता है ।
  • 1912 गिनी गुणांक – गरीब गरीब के अंतर को दर्शाता है ।

निरपेक्ष गरीबी के वैश्विक आंकड़े

  • वास्तव में किसी भी देश में आय वितरण की रेखा ( OX ) से ( OZ ) के बिच होती है, इसी रेखा को लौरेंज वक्र कहते है ।
  • लौरेंज वक्र को गणितीय रूप में गिनी ने लाया और कहा ( ऊपर दर्शित चित्र )
गिनी इंडेक्स – Area of O / Area of OxZ
2. Saved Poverty Gap Index ( SPGI ) वर्गीकृत गरीबी अंतराल सूचकांक 
 
अमृत्य सेन का कहना था PGI से आमिर -गरीब  की दुरी तो नाप लोगे लेकिन गरीब से गरीब की दुरी नहीं माप सकते । यदि गरीबी दूर करनी है तो गरीबों के अलग अलग समूहों की पहचान करनी होगी, और फिर सर्वाधिक गरीब समूह से शुरू करके सबको एक एक करके गरीबी रेखा के पास छोड़ा जायेगा ।
गरीबों में गरीब पर ध्यान देना चाहिए, गरोबों पर आमिर पर नहीं । इसे ही सेन सूचकांक कहा गया ।

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