ब्रह्म समाज की स्थापना – राजा राम मोहन राय
पर्दाप्रथा, बहुविवाह, सती प्रथा, वैश्यावृत्ति, जातिवाद, बालविवाह आदि का विरोध किया ।
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पर्दाप्रथा, बहुविवाह, सती प्रथा, वैश्यावृत्ति, जातिवाद, बालविवाह आदि का विरोध किया ।
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जून 1858 को ह्यूरोज से लडती हुई उनकी मृत्यु हो गई
1857 की क्रांति का दमन और असफलता Read More »
1 नवम्बर 1858 को इलाहाबाद में महारानी का घोषणा पढ़ा गया, जिसमें भारत सरकार की नवींन निति का उल्लेख किया गया था, जिसके अंतर्गत या तहत निम्न परिवर्तन किये गए
1857 की क्रांति का परिणाम, स्वरूप और महत्व Read More »
ब्राह्मण ग्रन्थ वेदों के गद्य भाग है, जिसके द्वारा वेदों को समझने में सहयता मिलती है। यज्ञ और कर्मकांड के विधान एवं उसकी क्रियाओं को भलीभांति समझने के लिए ब्राह्मण ग्रन्थ की रचना की गई है। ब्राह्मण ग्रंथों में “राजा परीक्षित” के बाद एवं “बिम्बसार” के पहले की घटना का वर्णन मिलता है ।
ब्राह्मण साहित्य ग्रन्थ, आरण्यक साहित्य व उपनिषद Read More »
सिन्धु घाटी सभ्यता में हमने इसके पहले इसके नगरीय नियोजन, भवन निर्माण, जल निकासी व्यवस्था, धान्य भंडारण, सार्वजनिक स्नानागार एवं बन्दरगाह नगर के बारे में जाना। यह इतिहास को जानने का पुरातात्विक स्रोत का हिस्सा है ।
सिन्धु सभ्यता की राजनितिक, सामजिक एवं धार्मीक जीवन Read More »
हड़प्पा कालीन या सिंधु घाटी सभ्यता की विशेषता उसकी नगर नियोजन प्रणाली थी । नगर दो भागों में विभाजित था – पूर्वी तथा पश्चिम ।
सिंधु घाटी सभ्यता – नगर योजना, निर्माण, जल निकासी प्रणाली Read More »