संसद में विधायन प्रक्रिया
यह सदन की कार्यवाही का पहला घंटा होता है, इसमें सदस्यों के द्वारा मंत्रियों अथवा निजी सदस्यों ( गैर सरकारी ) से प्रश्न पूछे जाते है, ये प्रश्न निम्न प्रकार के हो सकते है :
यह सदन की कार्यवाही का पहला घंटा होता है, इसमें सदस्यों के द्वारा मंत्रियों अथवा निजी सदस्यों ( गैर सरकारी ) से प्रश्न पूछे जाते है, ये प्रश्न निम्न प्रकार के हो सकते है :
अनुच्छेद 79 से 123 संघ की विधायिका – विधायन – विधि संसदीय अवधारणायें सत्रावसान सदन का सत्र जब राष्ट्रपति के द्वारा समाप्त घोषित किया जाता है तब …
अनुच्छेद 53 – कार्यपालिका की समस्त शक्ति राष्ट्रपति में निहित होगी जिसका प्रयोग वह स्वयं करेगा । अनुच्छेद 74 – राष्ट्रपति की सलाह व सहायता के लिए एक मंत्री …
महान्यायवादी सभी न्यायालय सर्वोच्च विधिक अधिकारी होता है एवं प्रथम सुनवाई का अधिकार रखता है, इसकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा कि जाती है । यह भारत सर्कार का कानूनी सलाहकार होता है ।
भारतीय इतिहास का यह काल जिसमें सामवेद, यजुर्वेद, अथर्वेद, ब्राह्मण ग्रन्थ, अरण्यक, उपनिषद की रचना हुई “उत्तर वैदिक काल” कहलाता है ।
राजा का पद वंशानुगत हो गया था फिर भी उसे असीमित अधिकार प्राप्त नहीं थे, क्योंकि उसे कबीलायी संगठन से सलाह लेनी पड़ती थी । “राजा पर नियंत्रण का कार्य सभा एवं समिति नामक संस्था करती थी ।” ऋग्वेद में विदथ नामक संस्था का भी उल्लेख मिलता है जो की आर्यों की प्राचीनतम संस्था है ।